नमस्कार दोस्तों। आज आपके लिए हम लायें है एक मोटिवेशन अर्थात प्रेरक प्रसंग। आज हम जानेंगे की सफलता क्या है (what is success in hindi) और सफलता की परिभाषा क्या है?

सफलता की परिभाषा | success in hindi
जैसा कि आप जानते है कि मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है। अतः यह स्वाभाविक है कि आपके अन्दर सफल होने की प्रबल आंकाक्षा हो। सफल होने से पूर्व यह जानना अत्यन्त आवश्यक है कि सफलता क्या हैॽ सफलता की परिभाषा प्रति व्यक्ति अलग–अलग हो सकती है परन्तु बृहद रूप से इसका स्वरूप एवं लक्ष्य एक ही है। ‘‘ शान्ति‚ समृद्धि‚ यश तथा सन्तोष ‘‘ की प्राप्ति ही सफलता है।
किसी विद्यार्थी के लिए एक क्लास में अच्छे अंक प्राप्त करना सफलता है तो किसी के लिए गणित के कठिन प्रश्नों को आसानी से हल करना। किसी व्यापारी के लिए व्यवसाय से अधिक से अधिक धन का अर्जन करना तो किसी समाज सेवी के लिए समाज सेवा हेतु किये गये कार्य…………….। भिन्न–भिन्न व्यक्तियों के लिए अलग–अलग परिभाषायें….
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सफल होना क्यों आवश्यकॽ
एक प्रसिद्ध वाक्य है कि ‘‘ अगर आप गरीबी में जन्म लेते है तो आपकी गलती नहीं है परन्तु यदि आप गरीबी में ही मर जाते है तो वस्तुतः आपकी गलती है‘‘ अर्थात मानव जीवन प्रगति एवं समृद्धि का सूचक है। मानव सामाजिक प्राणी होने के कारण समृद्धि एवं यश का सोपान भी है। वृद्धि में ही जीवन निहित है। पैतृक रूप में हमें जितना मिला है उससे अधिक प्रदान करना जीवन लक्ष्य है। समृद्धि एवं यश अन्तिम लक्ष्य के रूप में हो सकते है।
सफल होने का सूत्र (success in hindi formula) –
सफलता मात्र तीन सूत्रों⁄कार्यो पर निर्भर करती है–
प्रथम– लक्ष्य का निर्धारण
द्धितीय–लक्ष्य की प्राप्ति हेतु किये जाने वाला परिश्रम‚ एवं
तृतीय– लक्ष्य की प्राप्ति हेतु लगातार प्रयास⁄ प्रयत्न।
उपरोक्त को समझने के लिए एक कहानी का यहां उदाहरण स्वरूप प्रस्तुत करना चाहूंगा–
दो दोस्त एक साथ हाई स्कूल की परीक्षा देते है। प्रथम दोस्त अच्छे अंकों से उत्तीर्ण होता है जबकि दूसरा फेल हो जाता है। फेल हुआ छात्र अपने पिता द्धारा चलाई जा रही परचून की छोटी दुकान में हाथ बटाने लगता है और धीरे–धीरे व्यवसाय के हुनर सीख लेता है।
लगातार परिश्रम एवं लगन से वह कई एजेन्सिज लेकर धन का प्रचुर अर्जन करना शुरू कर देता है। वहीं अच्छे अंकों से पास छात्र आगे की पढ़ाई जारी रखता है। बी。ए。सी。 उत्तीर्ण करने के बाद प्राइवेट जॉब करने लगा।
यदि वर्तमान जीवन में सफलता का आंकलन किया जाए तो अनुत्तीर्ण छात्र बी。ए。सी。 करने वाले छात्र की तुलना में ज्यादा सफल है।
कैसे जानेगें कि आप सफल हो रहे हैॽ
सफलता एक दिन की जननी नहीं है। लक्ष्य की ओर किया गया सतत् प्रयास ही सफलता का पैमाना निर्धारित करता है। ऐसे लोग जोकि कुछ प्रयास करने के उपरान्त प्रयास करना छोड़ देते है‚ वह कभी सफल नहीं हो सकते है। सफलता सदैव समृद्धि एवं यश का आलींगन करती है। साधारण शब्दों में कहें तो सफल होने पर समृद्धि एवं यश की पूर्ति होने लगती है।
समृद्धि एवं यश सफलता की परिचायक है। हमारे पूर्व प्रधानमंत्री स्व० डा० अब्दुल कलाम जी ने कहा था ‘‘ जब आपके सिंगनेचर आटोग्राफ बन जाये तो समझ लिजिए आप सफल हो रहे है।‘‘ यह वाक्य सफलता की दृष्टि से आज भी प्रासंगिक है।
जीवन का उद्देश्य क्या हैॽ
जीवन का उद्देश्य पैतृक रूप से प्राप्त गुणों का संचयन करते हुए अग्रिम वृद्धि का द्योतक है। इसमें सामाजिक प्रतिष्ठा‚ परोपकारिता‚ वैभव‚ सम्पत्ति में वृद्धि‚ नवसृजन एवं नवाचार इत्यादि सभी समाहित हो जाते है। जीवन के उद्देश्य को समझना अत्यन्त आसान है।
बस आप उस दिन को याद करिये जिस दिन आप इस लोक से विदा हो रहें होगें। कुछ भी आप संचय कर नहीं ले जा सकेंगे। मात्र यश ही होगा जो आपको वर्षो–वर्षो तक याद रखने हेतु मानव जाति को विवश करेगा।
आपके द्धारा मानवीय कल्याण एवं प्रगति में किये गये योगदान के लिए विश्व आपको स्मरण करेगा। इस प्रकार मानव जीवन का अन्तिम लक्ष्य समाज सेवा या मानवीय कल्याण में निहित है। बस इसके तरीके अलग–अलग है। कोई देश सेवा कर स्मरणी हो जाता है तो कोई अविष्कार कर।
कोई खेल के माध्यम से तो कोई अभिनय के माध्यम से । चाहें सब के माध्यम अलग–अलग हो पर लक्ष्य तो एक ही है– प्रसिद्धी अथवा यश‚ मानव कल्याण के द्धारा।
अतः अपने लक्ष्य की प्राप्ति हेतु निरंतर प्रयासरत रहियें………………….पता नहीं कब आप सफल हो जावे..। इन्ही अन्तिम शब्दों के साथ विदा लेता हूं….
‘‘ थक कर यू न बैठ मुसफिर‚ मंजिल भी मिलेगी और मिलने का मजा भी आयेगा‘‘
जय हिन्द जय भारत।