गुस्से को काबू में करने के 10 अद्भुत उपाय | gusse ko control kaise karen

Gusse ko control kaise karen : दोस्तो जिन्दगी की इस भागदौड़ में हम यह अक्सर भूल जाते है की हमारी सेहत भी उतनी जरुरी है जितनी की अन्य चीज़े. अक्सर हम अपनी चिन्ताओ और परेशानियों को यह समझ कर भूल जाते है की यह मात्र अस्थायी है और कुछ समय बाद अपने आप सब ठीक हो जायेगा, मगर यही चिंताए और परेशानिया कुछ समय बाद हमें चिडचिडा बना देती है जो की आगे चलकर गुस्सा, चिडचिडापन और दिप्रेस्सन जैसी बीमारियों को जन्म देता है.

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आज के लेख में हम ऐसी ही एक मानसिक समस्या के बारे में बताने वाले है जिससे हम ‘गुस्सा’ या ‘क्रोध’ के नाम से जानते है, गुस्सा न सिर्फ हमारी सेहत को नुकसान पहुचाता है बल्कि हमारे कार्य शैली और रिश्तो को भी प्रभावित करता है इससे हमारे दिल की धड़कने तेज हो जाती है और कभी कभी तो हम बिना कुछ सोचे समझे ऐसे कदम उठा लेते है जिससे आगे चलकर हमें परेशानियों के सामना भी करना पड़ता है, इसीलिए गुस्से को काबू(control) में करना बहुत ही जरुरी है आज हम आपको बताने वाले है की आप अपने गुस्से(क्रोध) को कैसे काबू में या कम कर सकते है.

गुस्से को कंट्रोल कैसे करें (Gusse ko control kaise karen) :

gusse ko kaise control karen
गुस्से को काबू में करने के 10 अद्भुत उपाय | gusse ko control kaise karen 1

वैसे तो क्रोध आना हमारे जीवन का ही एक हिस्सा है मगर इसपर सही समय पर काबू नही पाया गया तो परिणाम भयानक हो सकते है यह आपके स्वस्थ्य और रिश्तो में भी दरार पैदा कर सकता है.

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यदि आपको ऐसा लगता है की क्रोध आपपर हावी हो रहा है तो कुछ भी बोलने या रियेक्ट करने से पहले आप अच्छी तरह से सोच ले की यह बोलने या करने के क्या परिणाम हो सकते है, जब आप सोच समझकर कोई काम करते है तो आपको यह पता होता है की आप अपना नुकसान नही कर रहे है.

1. दोस्तो यदि बार बार आपको गुस्सा आता है तो सबसे पहले आपको यह जानना जरुरी है की इसकी वजह क्या है, कई बार ऐसा होता है की बिना किसी वजह के ही हमें गुस्सा आता है.

जैसे की ट्रैफिक जाम में फसना, कोई काम पूरा न हो पाना, या जैसा सोचा वैसा न होना आदि कई कारन हो सकते है ऐसे में आप उसी को सोचकर आपका पारा हाई हो जाता है और आप कुछ और नही कर पाते.

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सबसे पहले तो आपको यह कोशिश करनी चाहिए की ऐसे में आप अपने दिमाग को शांत रखे, और लम्बी सांस लें, खुद को रिलैक्स रखना भी बहुत जरुरी है.

2. मन और मस्तिष्क को शांत रखने का एक और तरीका है जिसको आजमाकर आप गुस्से पर नियंत्रण(control) कर सकते है

इसमें आपको 5 बार लम्बी सांस लेनी है और 5 से लेकर 0 तक उलटी गिनती करनी होती है

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जैसे की पहली बार सांस लेने पर आपको 5 गिनना है फिर 4,3,2,1,0 तक करेंगे तो आपका मस्तिष्क रिलैक्स महसूस करेगा और गुस्से पर भी नियंत्रण हो जायेगा.

3. गुस्से को कंट्रोल करने के लिए आप चिंता मुक्ति मंत्र का जाप कर सकते है जिससे आपके जीवन की चिन्ताओ से मुक्ति मिलेगी, यह मंत्र है- ॐ नम: शिवाय.

इस मंत्र का जाप निरंतर करने से आपको चिंता मुक्त जीवन की प्राप्ति होती है और परेशानियों पर भी विराम लगता है.

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4. जब भी आपको अनुभव हो की गुस्सा आ रहा है आपको यह प्रयास करना चाहिए की आप कुछ भी बोलने से बचे, इससे 2 फायदे होते है एक तो आप किसी को कुछ भी बुरा भाला बोलने से बाख जाते है और दूसरा की आपको सोचने समझने का समय भी मिल जाता है.

5. दोस्तो जब भी आपको गुस्सा आये तो आप हसना शुरू कर सकते है यह गुस्से पर काबू पाने का एक साइंटिफिक तरीका माना जाता है जिससे आपका गुस्सा तुरंत ही शांत हो जाता है.

6. दोस्तो यह अक्सर देखा गया है की जो लोग कम मात्र में नींद लेते है उन्हें गुस्सा अधिक आता है जिससे बचने के लिए आप यह कोशिश करें की आपकी नींद अच्छे से पूरी होनी चाहिए.

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7. बार बार गुस्से आने का कारन मानसिक बीमारी के लक्षण भी हो सकते है जैसे की जो लोग दिप्रेस्सन का शिकार होते है उन्हें गुस्सा बार बार आता है यह एक प्रकार की बीमारी होती है जिसमे लोगो को यह पता भी नही लग पाता है की वो इस बीमारी के शिकार हो चुके है

देप्रेस्सन से बचने के लिए सकारात्मक विचार को अपने मन में हमेशा बना के रखना चाहिए.

8. गुस्से से बचने के लिए मैडिटेशन एक अच्छा विकल्प हो सकता है, यह एक ऐसी प्रक्रिया है जो आपको सकारात्मक तो बनती ही है साथ ही साथ आपके मन और मस्तिष्क को भी शांत रखता है.

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9. जिनकी दिनचर्या में व्यायाम शामिल होता है उन लोगो को अपने मन और मस्तिष्क पर पूरा नियंत्रण रहता है

हम सभी को अपनी दिनचर्या कुछ ऐसी ही बनाने की जरुरत होती है जब हमारा शरीर स्वस्थ रहता है तभी हमारा मन भी स्वश्थ रहता है

व्यायाम करने से हमारे मस्सल रिलैक्स हो जाते है जो हमारे मस्तिष्क को रिलैक्स करने में मदत करते है.

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10. ‘भावात्मक रूप से अनुपलब्ध’ होना हमे अपने जीवन से अलग होकर एक अनोखी शांति की और लेकर जाता है जहा पर हमारे सभी दुःख और खुशियों का कोई महत्वा नही रह जाता

जब हम अपने मन को शांतचित करने में सफल हो जाते है तब हम भावनात्मक रूप से अपनी उपलब्धता को ख़तम कर सकते है.

सफलता क्या है

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