गांधी जयंती पर भाषण, gandhi jayanti speech in hindi, गांधी जयंती क्यों मनाई जाती है?
Gandhi Jayanti 2023: दोस्तो भारत में हर साल गांधी जयंती 02 अक्टूबर को गांधी जी की याद में राष्ट्रीय पर्व के रूप में मनाया जाता है इस दिन स्कूल और कार्यालय में कई तरह के कार्यक्रम और प्रतियोगिताये होती है जिनमे से भाषण की प्रतियोगिता (Gandhi Jayanti speech in hindi) का भी आयोजन आम तौर पर होता है गांधी जी द्वारा स्वतंत्रता संग्राम में उनके असाधारण नेतृत्व के लिए राष्ट्रपिता का दर्जा प्राप्त है और प्यार से उनको बापू कह कर पुकारा जाता है.

आज हम आपके लिए गांधी जयंती 2021 पर भाषण या gandhi jayanti speech in hindi 2021 लेकर आये है जिनसे आप प्रेरणा ले सकते है और आप को एक आईडिया मिल जायेगा की कैसे आप भी इस राष्ट्रीय पर्व पर एक भावुक और प्रेरणादायक भाषण प्रस्तुत कर सकते है वैसे तो गांधी जयंती 2021 के अवसर पर भाषण तैयार करने की भी आवश्यकता नही होती है क्यों की हर भारतीय गांधी जी के बारे में भली भांति परिचित है मगर एक अच्छा प्रेरणादायक भाषण या स्पीच कैसे दिया जा सकता है हम आपको बताने वाले है.
गांधी जयंती पर भाषण 2021| Gandhi jayanti speech in hindi 2021 (भाषण-1)
आदरणीय प्रधानाचार्य महोदय, शिक्षकगण और मेरे प्रिय मित्रो, आज हम सब यह पर एकत्रित हुए है ताकि हम शदी की सबसे महान हस्ती हमारे प्रिय ‘बापू’ और राष्ट्रपिता का जन्म दिवस को याद कर सके और उनके द्वारा किये गए महान प्रयासों को गांधी जयंती के रूप में याद कर सकें.
मुझे आशा है की यह पर मौजूद हर एक व्यक्ति गांधी जी भली भांति जनता है और मै यह कुछ नया नही बताने वाला हु बल्कि हम आज गांधी जी को याद करके उनके कार्यो से सिख लेंगे और उनके द्वारा बताये गए ‘अहिंसा और सत्य’ के मार्गपर चलकर जीवन में सफलता हासिल करेंगे.
दोस्तो गांधी जी का पूरा नाम मोहन दस करम चंद गांधी था जिनका जन्म 02 अक्टूबर 1869 को पोरबंदर अथवा सुदामापुरी नामक स्थान पर हुआ जो की गुजरात प्रदेश में स्थित है.वह बचपन से ही शर्मीले और इमानदार प्रवृति के व्यक्ति थे और सत्य की राह पर चलने वाले व्यक्ति थे.
हर वर्ष गांधी जी को श्रधांजलि देने के लिए गांधी जयंती को एक राष्ट्रीय पर्व के रूप में मनाते है इस दिन राष्ट्रीय अवकाश भी रहता है 02 अक्टूबर न सिर्फ भारत में बल्कि पुरे विश्व में अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस के रूप में भी मनाया जाता है गांधी जी एक विश्व प्रशिद्ध व्यक्ति थे और पुरे विश्व में उन्हें अहिंसा जा जनक माना जाता है.
गांधी जी ने लन्दन से बारिस्टर की डिग्री प्राप्त की जिसको आम बोलचाल की भाषा में वकालत भी कहते है उन्होंने ने अफ्रीका में जाकर वकालत का काम किया और वह पर बाहरी लोगो पर हो रहे अत्याचार और और नश्ली भेदभाव को रोकने के लिए सत्याग्रह नमक आन्दोलन भी चलाया जिसके लिए उन्होंने एक संस्था नाताल इंडियन कांग्रेस की भी स्थापना की, उन्होंने यह आन्दोलन बिना किसी हथियार और जंग के शुरू की और असाधारण जीत प्राप्त की.
गांधी जी के इसी अहिंसा के प्रयोग ने उन्हें विश्व प्रसिद्धि दिलायी और यह प्रूव कर दिया की बड़ी से बड़ी जंग भी बिना हथियारों के जीती जा सकती है उनका यह अहिंसा का प्रयोग बड़े बड़े आंदोलनकारियो के लिए मात्र एक सपने के तरह ही था जिनको लगता था जंग केवल मार काट और हथियारों से जीती जा सकती है.
गांधी जी को राम शब्द से बहुत लगाओ था और वह सदैव राम भक्ति में लीं रहते थे जिसके बाद गांधी जी को महात्मा गांधी के नाम से जाना जाने लगा, उन्होंने भगवत गीता, बुद्धचरित और बाइबिल जैसे महान ग्रंथो का गहन अध्ययन किया और यह निष्कर्ष निकला की सत्य और त्याग ही दुनिया में परम धर्म है आज भी हम गांधी जी के इन्ही विचारो को याद करते है और उनका अनुपालन करके जीवन में सफलता की कामना करते है.
इसी के साथ मई अपने भाषण को विराम देना चाहूँगा, रघुपति राघव राजा राम.
जय हिन्द, धन्यवाद.